Sunday, 5 October 2025

 

आतंकवाद को मिलजुल कर हम सभी मिटायें,

स्थायी हो  शान्ति, सभी सुख से रह पायें l

बात न्याय  की  करें, बने हम ना पिछलग्गू,

आपस  में   ही  बैठ  विवादों  को  सुलझाएं l

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