कवि ही ऐसा प्राणी है जो, गागर में सागर को भरता,
वह केवल दो शब्दों में ही, सारा जग आकर्षित करता l
कहना उसका असरदार है,सम्मोहित हो जाता जन मन,
वेश कीमती दौलत उसकी, सारी दुनियाँ वह खरीदता l
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