Tuesday, 28 October 2025

 

उपवन का हर पौधा सींचा, और सँभाली उसकी काया,

फल देने का मौका जब था, तो अपनों ने ही विसराया.

मतलब के सब साथी होते, सेवा से क्या उनका नाता

चलता आया आदि काल से, ऐसी ही है उसकी माया,

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