दीपावली की शुभ कामनाएं
बना कर देह का
दीपक,
जलाओ स्नेह की
बाती,
मिटे मन का
अँधेरा भी,
प्रकाशित
हो धरा सारी|
दिवाली
रोज मन जाये,
बढ़े धन धान्य
जीवन में,
प्रभुल्लित
आप रह पायें,
यही शुभकामना
मन की |
हमें सद
बुद्धि ऐसी दें,
करें उपकार
जीवन में,
बढ़ें हम सब
प्रगति पथ पर,
यही
है चाह
बस मन में |
निरोगी आप तन
मन से,
करें निस्वार्थ
सेवा भी,
रहूँ स्मृति पटल
पर मैं,
यही है
प्रार्थना सब से |
यही है
प्रार्थना मेरी |
हरिमोहन गुप्त
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