Dr. Hari Mohan Gupta
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Tuesday, 16 October 2018
करो मेहनत,
तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित तुम्हारा,
देश की
हो
सहज सेवा,
धर्म
होता
है
हमारा |
एक जुट हो कर
करेंगे, फल तभी
हमको मिलेगा,
है यही उद्देश्य सबका, हो,
प्रगति
ढूढें
किनारा |
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