जिसमें साहस, धैर्य, शौर्य हो, नहीं किसी से वे डरते हैं,
आगे की जो सोचा करते, सही समझ कर पग धरते हैं |
कवि, सपूत, अरु सिंह सदा ही लिक छोड़ आगे चलते हैं,
जो करते हैं युग परिवर्तन, नई राह पर वे बढ़ते हैं |
डॉ. हरिमोहन गुप्त
आगे की जो सोचा करते, सही समझ कर पग धरते हैं |
कवि, सपूत, अरु सिंह सदा ही लिक छोड़ आगे चलते हैं,
जो करते हैं युग परिवर्तन, नई राह पर वे बढ़ते हैं |
डॉ. हरिमोहन गुप्त
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