Sunday 17 November 2019


            बाल दिवस
कोई राही बालक मुझको,
भीख माँगता मिल जाता था,
मैं बस उसको पास बुला कर,
इसी बात को समझाता था,
भीख माँगना बुरी बात है,
श्रम जीवी बन कर तो देखो,
मेहनत के बल जीना सीखो |
         ____
बाल दिवस, गोष्ठी आयोजित,
“रोको बालक श्रम” शीर्षक है |
अगर राह में कोई बालक,
श्रम करता ही दिख जायेगा,
उससे मैं अब क्या कह पाऊँ?
बालक छोडो तुम इस श्रम को,
जाओ  अब  स्कूल पास में,
यही उम्र तो पढने की है |
      _____
भरे गले से वह कहता है,
बूढ़ी माँ बीमार हमारी,
उसे समय से मिले दवाई,
तो श्रम अब अनिवार्य मुझे है,
घर पर छोटी बहिन अभी है,
तीनों को रोटी खाना है,
मजबूरी, श्रम तो करना है |
तुम्हीं बताओ, मैं कैसे अब,
चला जाऊं स्कूल, छोड़ कर-
माँ को और बहिन को,बोलो-
जा सकता स्कूल, बताओ ?
बाल दिवस प्रति वर्ष आयगा,
बस प्रश्नों को छोड़ जायगा |

No comments:

Post a Comment