महिलादिवस है आज, यह आता रहा प्रति वर्ष है,
आकाश को छू लो, रहे आदर्श तो बस हर्ष है,
यदि प्रदर्शन, या उपभोग के ही लिए नारी बनी,
तो समझ लेना, इस लड़ाई में अधिक संघर्ष है l
आकाश को छू लो, रहे आदर्श तो बस हर्ष है,
यदि प्रदर्शन, या उपभोग के ही लिए नारी बनी,
तो समझ लेना, इस लड़ाई में अधिक संघर्ष है l
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