तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित
तुम्हारा,
देश
की हो सहज
सेवा, धर्म होता है
हमारा |
एक जुट हो कर
करेंगे, फल तभी हमको मिलेगा,
है
यही उद्देश्य सबका, हो
प्रगति ढूंढें किनारा |
अगर चाहते
प्रगति, बड़ों से खुद को जोड़ो,
काम आज का
आज, नहीं कल पर तुम छोडो |
पूरा जीवन
पड़ा हुआ है, कल
कर लेंगे,
यही भाव
रोड़ा बनता है,
उसको मोड़ो |
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