राष्ट्र भाषा है, मगर क्यों? आज है बेबस,
ज्ञान में, अभिज्ञान में पीछे, छिड़ी इस पर बहस,|
तीन सौ चौसठ दिनों तो, रोयंगे हिन्दी को हम,
एक दिन है आज का हँस कर मने हिन्दी दिवस |
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