Dr. Hari Mohan Gupta
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Sunday, 5 February 2017
कागज पर ही लुप्त हो गये, सारे वादे
कागज पर ही लुप्त हो गये, सारे वादे ,
और सामने केवल इनके गलत इरादे,
आदर्शों की कसमें इनकी सभा मंच तक,
अंतर मन काले हैं, ऊपर सीधे साधे l
डॉ. हरिमोहन गुप्त
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