Wednesday, 8 August 2018

माँ वाणी


माँ वाणी मुझ पर रखो, सदा दाहिना हाथ,
कृपा अनवरत ही रहे, सदा रहो तुम साथ l
             लेखन में गति हो सदा, ऐसा हो अभियान,
             गागर में सागर भरूँ, जग का हो कल्याण l
ऐसा कुछ मैं लिख सकूँ, जिसमें हो कुछ सार,
जन  कल्याणी  योजना,  ऐसे  रहें  विचार l
             मैं गुण गाऊँ आपके, आप गुणों की खान,
             काव्य सुधा बरसे यहाँ, बढ़ जाए मम ज्ञान l
क्या  वर माँगू  आपसे,  तुमसे  मेरा मान,
काव्य जगत में बन सके, मेरी भी पहिचान l

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