Thursday, 17 October 2019

सत्य क्या है,


सत्य क्या है, झूठ  का पृष्ठावरण,
कर्म है जब स्वार्थ का ही आचरण.
लोभ  ने  अपना बढाया कद यहाँ,
क्रोध का  क्या कर सकेंगे संवरण.

धर्म  ओढ़े  ढोंग का  ही  आवरण,
अर्थ है  साक्षात कलि का  अवतरण.
मोक्ष को तुमही बतादो क्या कहें हम,
काम का जब  कर रहे हम अनुशरण.

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