सदा सफलता चरण चूमती, हार
न मानो,
सम्बन्धों को जीवन में
व्योपार न मानो.
चरैवेति ही जीवन का
सिध्दान्त सदा से,
कठिन परिश्रम को जीवन में
भार न मानो |
तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो
परहित तुम्हारा,
देश
की हो सहज
सेवा, धर्म होता है
हमारा |
एक जुट हो कर
करेंगे, फल तभी हमको मिलेगा,
है
यही उद्देश्य सबका, हो
प्रगति ढूंढें किनारा |
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