बृह्म अनन्त,अचिन्त्य,अगोचर,अदभुत होता,
आत्म चेतना,आत्म निरिक्षण व्यर्थ न खोता l
साधन हैं ये मात्र सतत ही करें साधना,
वह साधक है, अहंकार को जो भी धोता l
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