Friday, 22 November 2024

 

स्वयम पीड़ित हो उठे मन, बस दूसरे के दर्द में,

सौप दें कम्बल, दुशाला, कोई अगर  हो सर्द मे l

कर सको उपकार, तो तुमको ख़ुशी मिल जायगी,

हो सदा  ही  भाव सेवा, यह भावना हो  मर्द में l

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