Saturday, 9 November 2024

 

काम, क्रोध या घृणा भाव ही, संयम रहित विचार,

चिंता  में  गिरता  है  प्राणी, पाता  कष्ट अपार |

पहिले आत्म निरीक्षण कर लो, दुश्चिन्तायें  छोड़,

करती हमको सद प्रवृत्ति  ही, भवसागर  से  पार |

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