Monday, 25 November 2024

 

योग,यज्ञ,जप,तप,संकीर्तन,भजन उपासना,

सभी व्यर्थ हैं, त्यागो पाहिले अहं वासना l

अहंकार से विरत मनुज सुख पाता रहता,

तृष्णा ,ममता ,मोह सभी की नहीं चाहना l

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