Thursday, 31 July 2025


करें सन्गठन, द्वेष भाव को यहाँ मिटाएँ |

सभी जानते सत्य सदा से जीता जग में,

अंहकार के रावण को हम, यहाँ  जलाएं |

आओ हम ऐश्वर्य, शौर्य को यहाँ जगाएं,


Wednesday, 30 July 2025

 

अगर  चाहते प्रगति, बड़ों से  खुद को  जोड़ो,

काम आज का आज, नहीं तुम कल पर छोडो |

पूरा  जीवन पड़ा  हुआ  है, कल  कर  लेंगे,

यही  भाव  रोड़ा  बनता  है,  इसको  मोड़ो |

Tuesday, 29 July 2025

 

क्षमा,दया  का  भाव सहज मानव में आता,

सन्तोषी रह, परोपकार  जो  भी अपनाता |

पर पीड़ा को समझ सका, जो करे आचरण,

चले सत्य की  राह, वही ईश्वर हो  जाता |

Monday, 28 July 2025

 

किसी काम को यदि करना है, तो चाहें पहिले आती हैं,

गोदी में  बच्चे को लो  तुम,  तो बाँहें पहिले आती हैं |

हर कोशिश का  दर्जा ऊँचा,  सदा कामयाबी  से ऊपर,

मंजिल पाते सदा  बाद  में, राहें  तो पहिले  आती हैं |

Sunday, 27 July 2025

 

भारत  का  ही कृषक यहाँ  का भाग्य विधाता,

मेहनत,मजदूरी  के  बल  पर, सुख उपजाता l

धूप  शीत  सह  सीमा  पर, जवान  लड़ता है,

सुख दुख सह कर यहाँ शान्ति को  वह बरसाता l

Saturday, 26 July 2025

भौतिक विकास की सुविधायें, हमें बनाती  सदा विलासी,

हम प्रकाश की ओर बढ़ें यदि,तन्मय हो कर हो अभ्यासी l

अन्धकार  तो  स्वयं छटेगा, बन जाएँ यदि द्दढ विश्वासी ,

                                        सोपानी क्रम  से बढ़ सकते, आत्मशुद्धि के  हों अभिलाषी l 

Friday, 25 July 2025

 

माँ  देती  है जन्म, गुरु जीवन को  देता,

कुम्भकार की  रही भूमिका, अपना लेता l

इनसे मानो  उऋण नहीं  कोई हो सकता,

अलग अलग दायित्व निभाता,बने प्रणेता l

Thursday, 24 July 2025

 

हीरे  का  क्या मूल्य लगायें, जो  जैसा होगा  वह देगा,

जो  कोई  पत्थर मानेगा, तो  वैसा  ही मूल्य  लगेगा l

बहुत कठिन हैं मोल लगाना, सब में ज्ञान कहाँ होता है,

कुशल,पारखी और अनुभवी, बस अमूल्य है,यह कह देगा l

Friday, 18 July 2025

 

बृह्म अनन्त,अचिन्त्य,अगोचर,अदभुत होता,

आत्म चेतना,आत्म निरिक्षण व्यर्थ न खोता l

साधन  हैं  ये  मात्र सतत  ही करें साधना,

वह  साधक  है, अहंकार  को  जो भी धोता l

Monday, 14 July 2025

 

नशा करने वाले, स्वयम पहिचान खोते हैं,

नशा करने वाले स्वयम ही शान खोते हैं.

नशा तो बीमारी है,दिल,जिगर,मस्तिष्क की,

नशा करने वाले स्वयम सम्मान खोते है.