Saturday, 26 July 2025

भौतिक विकास की सुविधायें, हमें बनाती  सदा विलासी,

हम प्रकाश की ओर बढ़ें यदि,तन्मय हो कर हो अभ्यासी l

अन्धकार  तो  स्वयं छटेगा, बन जाएँ यदि द्दढ विश्वासी ,

                                        सोपानी क्रम  से बढ़ सकते, आत्मशुद्धि के  हों अभिलाषी l 

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