Friday, 11 July 2025

 

मीलों चले गरीब, सिर्फ भोजन को पाने,

मीलों चले अमीर, सिर्फ बस उसे पचाने l

भोजन मिलता उसे, जिसे विश्वास रहा है,

चलता रहे फकीर, खुदा को ही वह माने l

No comments:

Post a Comment