जीवन में संघर्ष मात्र गैरों अपनों का,
और मरण अनबूझ पलायन भ्रमित जनों का.
लड़ना, थकना तो घटना क्रम है जीवन का,
बस प्रभु में ही लीन रहे, उद्देश्य जनों का.
No comments:
Post a Comment