Tuesday, 28 January 2025

केवल यादें शेष, आत्म सुख था बचपन  में,

बोझा ढो ढो चले, कटा  यौवन  बन्धन  में.

बीती ताहि विसार सोच  लें  शुभ हो कल ही,

बस सुख से कट जाय बुढ़ापा प्रभु चिन्तन में.

  

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