Thursday, 30 January 2025

 

जब तक हममें,

सत्य, अहिंसा, क्षमा, दया का भाव,

धरा पर धर्म कहाए,

विश्व बन्धु का पाठ, परस्पर प्रीत बढ़ा कर,

सुख समृद्धि, शान्ति हित जीवन,

सन्तत ऐसी फसल उगाये |

हिन्दू,मुसलमान, ईसाई,

हरिजन को भी गले लगा कर,

कहें परस्पर भाई भाई,

ऐसे स्वस्थ विचार अगर जीवित हैं मन में,

तो गान्धी जिन्दा हैं मानो,

हम सबके ही तन में |

इसीलिए तो शायद गांधी नहीं मरे हैं,

नहीं मरेंगे |

युग युग तक उनके चरणों में,

जाने कितने शीश झुकेंगे |

       डा0 हरिमोहन गुप्त

 

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