ईश्वर के द्वारा ही सब सम्पादित होता है ,
लेकिन पौरुष मेरा नहीं विवादित होता है l
रटे हुये को पढना क्या, कुछ नया करें हम भी,
तो उत्साहित जीवन भी, आनन्दित होता है l
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