संग नहीं जाता कोइ, चर्चा दिन दो चार,
भाई, पत्नी, सुत सभी, छूट जांयगे यार |
जाना जब निश्चित वहाँ, फिर क्यों रहो उदास,
नाते, रिश्ते तोड़ कर, पहुँचो उसके पास |
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