Saturday, 22 June 2024

 

धर्म आचरण का पालन कर, धर्म जिये जा,

अहंकार को  छोड़, छिपा यह  मर्म जिए जा.

काम, क्रोध, मद, लोभ, सदा से शत्रु रहे हैं,

फल की इच्छा क्यों करता, तू कर्म किये जा.

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