बुधि विवेकयुत शिक्षा ही होती संस्कृति है,
निज कर्मो की प्रति-विम्व होती आकृति है l
यों तो आवागमन सत्य है इस धरती पर ,
मरती केवल देह, अमर होती सत्कृति है l
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