Wednesday, 5 June 2024

 

“लोक हित में ही निहित, होती सदा आराधना है,

दूसरों के कष्ट में, निज कष्ट ही सदभावना है l

दीन का दुख जान कर जो भी दुखी अन्त:करण में,

भावना  उपकार  की  बस सरल सच्ची साधना है l

 

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