योग ऐश औ आराम से जीवन कटे, यह भोग है,
असंतुलित भोजन करें परिणाम इसका रोग है l
परमात्मा से मन सहज हम जोड़ कर देखें सही,
स्वस्थ हो तन मन हमारा,बस यही तो योग है l
जीवन का यदि सम्यक ढंग से करना है उपयोग,
अल्पाहारी, संग में निद्रा, करें आप उपयोग l
हम शतायु की सोचें मन में, रहना हमें निरोग,
स्वास्थलाभ संग,मन प्रसन्न हो,नियमित करिये योग l
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