वे दोनों तो ऐक हैं, क्या रहीम क्या राम,
हम में ही दुर्बुद्धि है, इसीलिये कुहराम l
मिटटी की यह देह है, सब में ज्योति समान,
क्या हिन्दू, क्या मुसलमा, क्यों होते हैरान l
हम में ही दुर्बुद्धि है, इसीलिये कुहराम l
मिटटी की यह देह है, सब में ज्योति समान,
क्या हिन्दू, क्या मुसलमा, क्यों होते हैरान l
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