Monday, 15 May 2023

 

स्वार्थ भावना यदि मन में तो, वह ख़ास नहीं बनता,

छल- छन्द रहा यदि मन में तो, विश्वास नहीं पलता |

कर्मठ, सत्यव्रती का जग में, नाम  लिखा  जाता  है,

अभिमानी जन को इस जग में, सम्मान नहीं मिलता |

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