क्षमा,दया का भाव सहज मानव में आता,
सन्तोषी रह, परोपकार जो भी अपनाता |
पर पीड़ा को समझ सका, जो करे आचरण,
चले सत्य की राह, वही ईश्वर हो जाता |
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