Tuesday, 14 November 2023

 

बाल दिवस

कल तक कोई बालक राही,

भीख माँगता मिल जाता था,

उसे बुला कर समझाता मैं,

बुरी चीज है, भीख माँगना,

मेहनत के बल पर तुम प्यारे,

शीष उठा कर जीना सीखो।

आज गोष्ठी आयोजित है,

रोको बालक श्रम’ शीर्षक  है।

कोई बालक यदि मिल जाये

बोझा ढोता, मेहनत करता,

मैं उससे क्या कह पाऊँगा ?

सोच सोच कर परेशान हूँ,

कैसे उसको समझाऊँगा ?

देख रहा हूँ,

होटल की भट्टी को बालक यहाँ जलाता,

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