Thursday, 30 November 2023

 आत्म ज्ञान  

      “आत्म ज्ञान हो जायगा, त्यागो बस अभिमान,

      जनक विदेही हो गये, मिला उन्हें सम्मान |

 

                  सदप्रवृत्ति मन में रहे, उपजेगा तब ज्ञान,

                 लोभमोह को छोड़ दो,जबतक तन में प्राण |

 

       नश्वर यह संसार है, जाना है यह जान,

       जगत नियंता वही है, उससे हो पहिचान

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