आत्म ज्ञान
“आत्म ज्ञान हो जायगा, त्यागो
बस अभिमान,
जनक विदेही हो गये, मिला
उन्हें सम्मान |
सदप्रवृत्ति मन में रहे, उपजेगा तब
ज्ञान,
लोभमोह को छोड़ दो,जबतक तन में प्राण |
नश्वर यह संसार है, जाना है
यह जान,
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