करूँ निवेदन आपसे, पवन पुत्र हनुमान,
क्या माँगूं में आपसे, तुम हो सकल जहान |
जो कुछ बिगड़ा भूल वश, उसे सुधारें आप,
ध्यान न दें उन पर कभी, हरहु सकल संताप |
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