बुद्धि विवेकी आप हैं, अतुलित हैं बलधाम,
अष्ट,सिद्धि दाता प्रमुख, राम बसे उर धाम |
जो निर्बल हैं, दुखी हैं, सदा सहायक आप,
बिन माँगे होगी कृपा, कैसी भी हो शाप |
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