Monday, 10 February 2025

 

जग सुधर जायगा, खुद  को सुधारिये,

दाग चेहरे  के  दिखें, दर्पण  दिखाइये.

अँधेरे की क्या मजाल कि वह रह सके,

रोशनी  हो  जायगी,  दीपक  जलाइये.

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