Tuesday, 4 February 2025

बल,पौरुष के कारण जग में, नर ने माना श्रेष्ठ कर्म है,

धर्म भीरु होने  के  कारण, नारी  कहती श्रेष्ठ  धर्म है.

नहीं कल्पना है  यह कोरी, मानो तो  विश्वास अटल है,

                                           कोई इसको जान  न  पाया, इसमें उसका छिपा मर्म है.|| 

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