केवल मनोरंजन नहीं कवि धर्म है,
साहित्य दे कुछ प्रेरणा कवि कर्म है |
कर्तव्य पथ पर कवि चले, यह सोच ले,
सम्मान पायेगा सदा यह मर्म है |
जग प्रकाशित है सदा आदित्य से,
हम प्रगति करते सदा सानिध्य से,
कोई माने, या न माने सत्य है,
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