Wednesday, 12 March 2025

 

जग प्रकाशित है सदा आदित्य से,

हम प्रगति करते सदा सानिध्य से,

कोई  माने, या    माने  सत्य  है,

देश जाग्रत  है  सदा  साहित्य  से l

No comments:

Post a Comment