Sunday, 9 March 2025

 

जब प्रताड़ित  हो  कभी  संघर्ष  में,

या  निराशा  हो  खड़ी  उत्कर्ष  में,

हर विफलता से न विचलित हो कभी,

तो  सफलता  भी  मिले अपकर्ष में |

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