Monday, 19 March 2018

तन सुखी रहता सदा जग रीत से

तन सुखी रहता सदा जग रीत से,
 मन सुखी जो हार बदले जीत में,
 है लड़ाई आज भी, जग में यहाँ,
 लड़ सकें कैसे यहाँ अन रीत से l

No comments:

Post a Comment