Dr. Hari Mohan Gupta
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Monday, 19 March 2018
तन सुखी रहता सदा जग रीत से
तन सुखी रहता सदा जग रीत से,
मन सुखी जो हार बदले जीत में,
है लड़ाई आज भी, जग में यहाँ,
लड़ सकें कैसे यहाँ अन रीत से l
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