Dr. Hari Mohan Gupta
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Tuesday, 20 March 2018
‘बसन्त’ गेहूँ की बाल देख, सबने सुख पाओ है
‘बसन्त’ गेहूँ की बाल देख, सबने सुख पाओ है,
सरसों जो फूल रही, चेहरा मुस्काओ है.
कोयल की कू कू सुन, आम बोराओ है,
होरी मनाबे खों, बसन्त आज आओ है.
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