Tuesday, 27 March 2018

अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ

अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ,
पाया उसने परम पद, हुआ यही चरितार्थ l
तन्त्र मन्त्र सब व्यर्थ हैं, राम भजन है सार,
करके तो देखो स्वयम, पाओ स्वच्छ विचार l

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