तुलसी ने जो कहा किसी ने कहा नहीं,
तुलसी ने जो सहा किसी ने सहा नहीं |
तुलसी के उपदेश आपने अगर सुने,
भव बन्धन कर पार धरा पर रहा नहीं |
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