अस्मत के खरीदार सब उनके मकान में,
अब आबरू तक बिक रही उनकी दुकान में |
सबसे बड़ा सन्ताप गरीबी को भोगना,
यह बात क्यों लिक्खी नहीं गीता,कुरआन में |
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