मजहब हमारे भिन्न, मगर धर्म ऐक हो,
धरती पवित्र माँ है, इरादा तो नेक हो l
अनेकता में ऐकता, सिद्धान्त हमारा,
वलिदान के हित ऐक नहीं तुम अनेक हो l
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