Saturday, 26 April 2025

 

परोपकार में जीवन बीते, जिसको मिले सुभीता,

सुख,दुःख में जो रहा एक रस, समय एक रस बीता |

संयम नियम आचरण सम हैं, उसने जग को जीता,

जो संतृप्त करे औरों को, पनघट कभी न रीता |

 


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