जीवन जिनका दीन, मित्र या बन्धु समर्पित,
उनका जीवन सफल, जिया जो ओरों के हित |
बिन साधन जो रहे, साधनारत जीवन भर,
श्रृद्धांजलि अर्पित, अब उनको हम संकल्पित |
No comments:
Post a Comment